ब्लौग सेतु....

17 जून 2016

बारिश की बूँदों में






सूखी धरा हरी भरी हुई 
बारिश  की  बूँदों  में 
प्रकृति की हुई छट्ठा नयी 
बारिश  की  बूँदों  में 
नीलगगन पर श्यामल घटा 
बारिश  की  बूँदों  में 
धरती से धूल पर्दा  हटा 
बारिश  की  बूँदों  में 
कल- कल करती सरिता की धारा 
बारिश  की  बूँदों  में 
दूर हुआ किसान का अँधियारा 
बारिश  की  बूँदों  में 
नव यौवना केश जो  झटके 
बारिश  की  बूँदों  में 
प्रियतम मन केशो में भटके 
बारिश  की  बूँदों  में 
जीवंत होती मिलन परिभाषा 
बारिश  की  बूँदों  में 
पूर्ण होती प्रेम अभिलाषा 
बारिश  की  बूँदों  में 
संगीतमय कोयल की बोली 
बारिश  की  बूँदों  में 
बादल संग सूरज की आंखमिचौली 
बारिश  की  बूँदों  में 
हरयाली से महकता हर आँगन 
बारिश  की  बूँदों  में 
दूर होता हित मन का सूनापन 
बारिश  की  बूँदों  में 

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